मंगलवार, 16 अगस्त 2011

Jindagi ki paribhasha

मैंने सोचा कितनी बकवास है जिंदगी,
लेकिन काफी बिंदास है जिंदगी,
दुःख की कड़वाहट तो सुख की मिठास है जिंदगी ,
हर मोड पे एक नयी तलाश है जिंदगी,
सफ़र में राही जुदा होते है और नए राही का साथ है जिंदगी ,
मंजिल को पाने की आस है जिंदगी,
राहो की कठिनाईयों का एहसास है जिंदगी,
दूर तलक अँधेरा है और एक चिंगारी का विश्वास है जिंदगी ,
भूखे को रोटी का स्वाद है जिंदगी,
नंगे को कपड़े की आस है जिंदगी,
नांव बीच मजधार में फँसी है और माझी का प्रयाश है जिंदगी,
अँधेरा काफी है मगर सुबह के पहली किरण की तलाश है जिंदगी,
कुछ खोया है ,कुछ पाया है ,कुछ खोना है, कुछ पाना है,
खोने और पाने का सिलसिला है जिंदगी,
गम है मगर मुस्कराने का सिलसिला है जिंदगी,
मान गए तुझे हर घड़ी एक नयी अरमान है जिंदगी

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