तू कुमुदनी ,तुझ पर भ्रमर बन कर घिरूं,
तू तितली तेरा रंग मैं बनूँ ,
भ्रमर बन तेरा रस मैं पियूं,
काटें की तरह रक्षा मैं करूँ,
जुगनू बन तुझे रोशन मैं करूँ,
सासों की तरह तुझमें मैं बसूँ,
तेरी साँस चले धड़कन मैं बनू,
तेरी आवाज़ का सुर मैं बनू,
जीवन को तेरे रंगो से भरूं,
तेरे साथ बिताए हसीन लम्हों को चुनु ,
तू नाव तेरा मल्हार मैं बॅनू ,
तेरी राह पे धूल बन के बिछु
तेरे बदन पे गहने सा सज जाऊ ,
तेरे पायल की घुंघरू मैं बनूँ ,
तू तितली तेरा रंग मैं बनूँ ,
भ्रमर बन तेरा रस मैं पियूं,
काटें की तरह रक्षा मैं करूँ,
जुगनू बन तुझे रोशन मैं करूँ,
सासों की तरह तुझमें मैं बसूँ,
तेरी साँस चले धड़कन मैं बनू,
तेरी आवाज़ का सुर मैं बनू,
जीवन को तेरे रंगो से भरूं,
तेरे साथ बिताए हसीन लम्हों को चुनु ,
तू नाव तेरा मल्हार मैं बॅनू ,
तेरी राह पे धूल बन के बिछु
तेरे बदन पे गहने सा सज जाऊ ,
तेरे पायल की घुंघरू मैं बनूँ ,
तेरे काव्य का शीर्षक मैं बनू,
तेरे चेहरे की लाली बन कर खिलूँ,
तेरी ख़ुशी का कारण मैं बनूँ ,
लहू बन तेरी नसों में बहूँ,
तेरे जख्मों को मैं सियूं
तू राह चुने तेरे साथ मैं चलूँ ,
तू मूरत अधूरी तुझे पूरा मैं करूं
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