कहना है तुझसे आज जो कभी ना कह पाया
देनी है ख़ुशी तुझे आज जो कभी मुमकिन हो ना पाया
सुलझानी है वो कड़ी जो हमेशा उलझती चली गयी
था मैं बेहोश लाना है खुद को होश में अब
थी मंजिल पास ना जुटा पाया हिम्मत पार पाने की
जाना उस नदिया के पार जिसे आज तक देखता ही रहा
तोड़ लाने हैं वो तारे जिसको तुने सिर्फ खाबों में ही ही अपना बनाया
उस लौ को करना है तेज जो थी कभी
उस को कर देंगे ख़त्म जिसने किया है जीना तेरा दुस्वार
क्यों रोता है घंटो बैठ तू तन्हाई में
देख सजाई है तेरे लिए ये महफ़िल बेशुमार
न खुद को महसूस कर अकेला साथ हैं हम ऐ मेरे हमदम
जो भी हैं तुम्हारी मुश्किलें उसको कर देंगे ख़तम
मुस्कुराना होगा तुझे हर हाल में
खुशियाँ हो या ग़म
उन्हें भी अब देना होगा हिसाब जिसने ढाये हैं ये जुल्मों सितम
होगी अब तेरी हर एक मूराद पूरी
खुश्क चेहरा होगा अब रोशन
ऐ परी देख तेरे सुनहरे पर लाया मैं अपने साथ
उड़ जा नील गगन में पंख फैलाए तू आज
kehna hai kehna hai aaj tumse ye pehli baar tumhi to layi ho jeevan me mere pyar pyar and pyar
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