जो हाले दिल है यारो अपना ,
जो गीत गाता है ये सलोना,
जो आँहे भरता है उनको याद कर के,
काश उनको बतला पाएँ
वो हैं यू बेख़बर ,
ए काश जुज़तज़ू बयान कर पाएँ,
समंदर की गहराई से भी गहरा है ये प्यार,
काश उनको ये बता पाएँ,
यू तो बेरूख़ी की जिंदगी जीते आए हैं,
पर ये बेरूख़ी भी दगेबाज़ निकली,
ये अफ़साना उनको बयान कर पाएँ,
वो परियो की सहज़ादी हैं,
मैं तन्हा ग़रीब ,
पर हर खुशी देने का है उनको वादा,
काश ये वादा पूरा कर पाएँ,
यू तो हूमें उनके ना होने का ग़म नही,
पर उनके होने से बात कुछ और होती,
यू तो हूँ मैं कवि पिरोता हू जिंदगी के मोती,
इस खूबसूरत माले मे उस मोती को पीरो पाएँ,
ए ख़ुदा अब तेरी इबादत का भरोसा हैं,
काश तेरी रहमत से अपनी दुनिया सज़ा कभी उनसे ये कह पाए,
कभी उनसे ये कह पाएँ.
जो गीत गाता है ये सलोना,
जो आँहे भरता है उनको याद कर के,
काश उनको बतला पाएँ
वो हैं यू बेख़बर ,
ए काश जुज़तज़ू बयान कर पाएँ,
समंदर की गहराई से भी गहरा है ये प्यार,
काश उनको ये बता पाएँ,
यू तो बेरूख़ी की जिंदगी जीते आए हैं,
पर ये बेरूख़ी भी दगेबाज़ निकली,
ये अफ़साना उनको बयान कर पाएँ,
वो परियो की सहज़ादी हैं,
मैं तन्हा ग़रीब ,
पर हर खुशी देने का है उनको वादा,
काश ये वादा पूरा कर पाएँ,
यू तो हूमें उनके ना होने का ग़म नही,
पर उनके होने से बात कुछ और होती,
यू तो हूँ मैं कवि पिरोता हू जिंदगी के मोती,
इस खूबसूरत माले मे उस मोती को पीरो पाएँ,
ए ख़ुदा अब तेरी इबादत का भरोसा हैं,
काश तेरी रहमत से अपनी दुनिया सज़ा कभी उनसे ये कह पाए,
कभी उनसे ये कह पाएँ.
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