बुधवार, 8 जून 2011

Husn aur adayein

वो हुस्न क्या जिसके कद्रदान ना हो,
       वो दिल क्या जिसमे अरमान ना हो,
वो शम्मा क्या जिसके परवाने ना हो,
             वो इश्क़ क्या जिसमे तड़प ना हो,
  वो फूल क्या जिसमे महक ना हो,
           वो चमन क्या जिसमे फूल ना हो,
 वो सफ़र क्या जिसमे खूबसूरत हमसफ़र ना हो,
              वो रात क्या जिसमे  चाँदनी ना हो,
वो नशा क्या जिसमें ख़ुमारी ना हो,
          वो चाह क्या जिसमे जुनून ना हो,
वो नूर क्या जिससे जहाँ रोशन ना हो
          वो फसाना क्या जिसमे सुकून ना हो,
वो मंज़िल क्या जिसमे मुस्किलें ना हो,
              वो जिंदगी क्या जिसकी हसरतें ना हो,

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